उत्तर
१. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
(१) आज समाचारपत्र में कौन-कौन से समाचार भरे रहते हैं?
उत्तर: आज समाचारपत्रों में चोरी, डकैती, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं।
(२) देश का वातावरण आज कैसा बन गया है?
उत्तर: आज देश का वातावरण ऐसा बन गया है मानो ईमानदारी और सत्यनिष्ठा समाप्त हो गई हो।
(३) भारतवर्ष ने किसको विशेष महत्व नहीं दिया है?
उत्तर: भारतवर्ष ने भोग-विलास और काम, क्रोध, लोभ, मोह जैसे विकारों को विशेष महत्व नहीं दिया है।
(४) संयम और संतुलन का सम्बन्ध किससे बताया गया है?
उत्तर: संयम और संतुलन का सम्बन्ध धर्म और भारतीय संस्कृति से बताया गया है।
(५) भारतवर्ष किसको धर्म के रूप में देखता आ रहा है?
उत्तर: भारतवर्ष संयम, सत्य और ईमानदारी को धर्म के रूप में देखता आ रहा है।
(६) बस कंडक्टर क्या लेकर लौटा था?
उत्तर: बस कंडक्टर खाली बस के साथ पानी और दूध लेकर लौटा था।
२. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :
(१) लेखक की महान मूल्यों में आस्था क्यों हिल गई थी?
उत्तर: लेखक जब अखबारों और चारों ओर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और तस्करी जैसी घटनाएँ देखता था, तो उसकी आस्था हिल जाती थी। उसे लगता था कि ईमानदारी अब समाप्त हो चुकी है।
(२) लेखक क्यों यह देखने बैठा हो जाना उचित नहीं मानते?
उत्तर: लेखक मानते हैं कि केवल बुराइयों को देखकर बैठ जाना उचित नहीं है। अच्छाई और ईमानदारी अभी भी समाज में जीवित है, इस पर विश्वास रखना चाहिए।
(३) देश के दरिद्रों की अदम्य आकांक्षा दूर करने के लिए क्या किया गया है?
उत्तर: देश के दरिद्रों की अदम्य आकांक्षा दूर करने के लिए अनेक योजनाएँ, कार्यक्रम और उपाय किए गए हैं। परिश्रम और ईमानदारी से दरिद्रता को दूर करने की दिशा में काम हुआ है।
(४) टिकटबाबू ने लेखक की यात्रा में प्रामाणिकता और भगवत्ता से क्या याचन की है?
उत्तर: टिकटबाबू ने अतिरिक्त पैसे लौटाकर अपनी ईमानदारी और प्रामाणिकता दिखाई। इससे लेखक को मानवता और सत्यनिष्ठा पर आस्था बढ़ी।
३. निम्नलिखित प्रश्नों के तीन-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
(१) लेखक का मन क्यों खिन्न हो जाता है?
उत्तर: चारों ओर व्याप्त भ्रष्टाचार और अन्याय को देखकर लेखक का मन खिन्न हो जाता है।
उसे लगता था कि अब ईमानदारी समाप्त हो गई है।
समाज में पाप और अधर्म ही बढ़ता जा रहा है।
(२) भारतवर्ष को ‘महामानव’ सम्प्रदाय क्यों कहा गया है?
उत्तर: भारतवर्ष ने सत्य, अहिंसा, संयम और धर्म को महत्व दिया है।
इसने महान संतों और महापुरुषों को जन्म दिया है।
इसी कारण भारतवर्ष को ‘महामानव’ सम्प्रदाय कहा गया है।
(३) धर्म को भारतवर्ष में श्रेष्ठ क्यों माना गया है?
उत्तर: धर्म को भारतवर्ष में मानव जीवन का आधार माना गया है।
यहाँ धर्म का अर्थ संयम, सत्य और सेवा है।
इसीलिए भारतवर्ष ने धर्म को श्रेष्ठ माना है।
(४) कंडक्टर ने अपनी ईमानदारी कैसे बताई?
उत्तर: कंडक्टर ने लेखक के लिए नई बस मँगवाई।
उसने रात में ही पानी और दूध जैसी वस्तुएँ भी पहुँचाईं।
इस प्रकार उसने अपनी सच्ची सेवा और ईमानदारी दिखाई।
४. मुहावरों का अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
१. मन बिगाड़ना – किसी का मन खराब करना।
वाक्य: गलत संगति मनुष्य का मन बिगाड़ देती है।
२. परस्पर करना – आपस में करना।
वाक्य: मित्रों ने परस्पर मिलकर पढ़ाई की।
३. फूलना-फलना – उन्नति करना।
वाक्य: परिश्रमी व्यक्ति का जीवन सदैव फूलता-फलता है।
४. हवाइयाँ उड़ना – घबराना।
वाक्य: परीक्षा की कठिनाई देखकर विद्यार्थियों की हवाइयाँ उड़ गईं।
५. परदाफाश – छिपी बात का खुलासा।
वाक्य: चोरी करने वाले का परदाफाश हो गया।
६. हौसला बाँधना – हिम्मत देना।
वाक्य: गुरुजी ने विद्यार्थियों का हौसला बाँधा।
७. कातर ढंग से देखना – दया की दृष्टि से देखना।
वाक्य: गरीब बालक अमीरों की ओर कातर ढंग से देख रहा था।
५. शब्द-समूह के लिए एक-एक शब्द दीजिए :
१. धर्म से डरनेवाला → धर्मभीरु
२. मिलकर की गई भूमि → सामूहिक भूमि / साझा भूमि
३. सुख देनेवाला → सुखदायक
६. विशेषण बनाइए :
भारत → भारतीय
समाज → सामाजिक
क्रोध → क्रोधित
समय → समयानुकूल
धर्म → धार्मिक
७. भाववाचक संज्ञा बनाइए :
ईमानदार → ईमानदारी
सत्य → सत्यता
धर्म → धर्मनिष्ठा
मानव → मानवता
८. विशेषण शब्द बनाइए :
ईमानदार → सत्यनिष्ठ
भ्रष्टाचार → भ्रष्टाचारी
आन्तरिक → अंतरंग
सबल → शक्तिशाली
९. विलोम (विरोधी) शब्द :
१. ईमानदार → बेईमान
२. भ्रष्टाचार → सदाचार
३. आंतरिक → बाह्य / बाहरी
४. सबल → निर्बल / कमजोर