Table of Contents
ToggleChapter 5: Life Processes – Short Notes
1. What are Life Processes?
The basic functions performed by living organisms to maintain life are called life processes. The main life processes are:
- Nutrition
- Respiration
- Transportation
- Excretion
2. Nutrition
The process of taking in food and its utilization by the body.
Modes of Nutrition:
- Autotrophic Nutrition: Organisms make their own food using sunlight (photosynthesis) or chemicals (chemosynthesis).
- Photosynthesis:
6CO₂ + 6H₂O → C₆H₁₂O₆ + 6O₂
(in the presence of sunlight and chlorophyll)
- Photosynthesis:
- Heterotrophic Nutrition: Organisms depend on other organisms for food.
- Types: Holozoic (e.g., humans), Saprophytic (e.g., fungi), Parasitic (e.g., lice).
Human Digestive System:
- Pathway: Mouth → Oesophagus → Stomach → Small Intestine → Large Intestine → Anus.
- Key Organs:
- Stomach: HCl kills germs and provides acidic medium for pepsin enzyme.
- Small Intestine: Complete digestion. Villi increase surface area for absorption.
- Liver: Produces bile (emulsifies fats).
- Pancreas: Produces digestive enzymes.
3. Respiration
The process of breaking down food to release energy.
Equation: C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + Energy (ATP)
Types of Respiration:
- Aerobic Respiration: Takes place in the presence of oxygen. High energy yield (36 ATP).
- Anaerobic Respiration: Takes place in the absence of oxygen. Low energy yield (2 ATP).
- In muscles:
Glucose → Lactic Acid + Energy
- In yeast:
Glucose → Ethanol + CO₂ + Energy
(Fermentation)
- In muscles:
Human Respiratory System:
- Pathway: Nostrils → Nasal passage → Trachea → Bronchi → Bronchioles → Alveoli.
- Gaseous Exchange: Occurs in alveoli (rich blood supply, thin walls).
4. Transportation
The process of carrying substances around the body.
A. In Humans (Circulatory System):
- Heart: 4-chambered (2 atria, 2 ventricles). Prevents mixing of oxygenated and deoxygenated blood.
- Blood Vessels:
- Arteries: Carry oxygenated blood away from the heart (except pulmonary artery).
- Veins: Carry deoxygenated blood towards the heart (except pulmonary vein).
- Capillaries: Site of exchange.
- Blood Components:
- RBCs: Carry O₂ (haemoglobin).
- WBCs: Fight infection.
- Platelets: Clotting.
- Plasma: Liquid matrix.
B. In Plants:
- Xylem: Transports water and minerals from roots to leaves.
- Phloem: Transports food (sucrose) from leaves to other parts (Translocation).
5. Excretion
The process of removing metabolic waste from the body.
A. In Humans:
- Organs: Kidneys (main), Lungs (CO₂), Skin (sweat), Liver (bile pigments).
- Urinary System:
- Kidneys: Filter blood to form urine (Nephrons are filtering units).
- Urine: Contains urea, uric acid, salts, water.
- Dialysis: Artificial filtering of blood if kidneys fail.
B. In Plants:
- Waste products are stored in leaves (which fall off) or as resins/gums.
- Excrete O₂ during photosynthesis.
6. Key Diagrams to Remember
- Human Digestive System
- Human Respiratory System
- Structure of Heart
- Structure of Nephron
- Structure of Stomata
Quick Revision Table: Life Processes
Process | Human System | Plant System |
---|---|---|
Nutrition | Digestive System | Photosynthesis in leaves |
Respiration | Respiratory System | Gaseous exchange via stomata |
Transportation | Circulatory System (Blood) | Xylem & Phloem |
Excretion | Urinary System (Kidneys) | Storage in leaves; released via stomata |
Important Terms
- Peristalsis: Wave-like movements in the alimentary canal to push food.
- ATP (Adenosine Triphosphate): Energy currency of the cell.
- Haemoglobin: Oxygen-carrying pigment in RBCs.
- Transpiration: Loss of water vapour from plant leaves.
- Lenticels: Pores in stems for gaseous exchange in plants.
कक्षा 10 विज्ञान – अध्याय 5: जैव प्रक्रम – संक्षिप्त नोट्स
1. जैव प्रक्रम क्या हैं?
जीवों द्वारा जीवन को बनाए रखने के लिए किए जाने वाले मूल कार्य हैं। मुख्य जैव प्रक्रम हैं:
- पोषण
- श्वसन
- परिवहन
- उत्सर्जन
2. पोषण (Nutrition)
भोजन को ग्रहण करने और शरीर द्वारा उसके उपयोग की प्रक्रिया।
पोषण के प्रकार:
- स्वपोषण: जीव सूर्य के प्रकाश (प्रकाश संश्लेषण) या रसायनों (रसायन संश्लेषण) का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
- प्रकाश संश्लेषण:
6CO₂ + 6H₂O → C₆H₁₂O₆ + 6O₂
(सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में)
- प्रकाश संश्लेषण:
- परपोषण: जीव भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं।
- प्रकार: होलोजोइक (जैसे मनुष्य), मृतोपजीवी (जैसे कवक), परजीवी (जैसे जूँ)।
मानव पाचन तंत्र:
- मार्ग: मुँह → ग्रसिका (भोजन नली) → आमाशय → छोटी आँत → बड़ी आँत → गुदा।
- मुख्य अंग:
- आमाशय: HCl कीटाणुओं को मारती है और पेप्सिन एंजाइम के लिए अम्लीय माध्यम प्रदान करती है।
- छोटी आँत: पाचन पूर्ण होता है। अंगुली जैसे प्रवर्ध अंकुर (विली) अवशोषण क्षेत्र बढ़ाते हैं।
- यकृत (Liver): पित्त रस का निर्माण (वसा का इमल्सीकरण)।
- अग्न्याशय (Pancreas): पाचक एंजाइमों का स्राव।
3. श्वसन (Respiration)
ऊर्जा मुक्त करने के लिए भोजन के टूटने की प्रक्रिया।
समीकरण: C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जा (ATP)
श्वसन के प्रकार:
- वायवीय श्वसन: ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। अधिक ऊर्जा मिलती है (36 ATP)।
- अवायवीय श्वसन: ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। कम ऊर्जा मिलती है (2 ATP)।
- मांसपेशियों में:
ग्लूकोज → लैक्टिक अम्ल + ऊर्जा
- खमीर में:
ग्लूकोज → एथनॉल + CO₂ + ऊर्जा
(किण्वन)
- मांसपेशियों में:
मानव श्वसन तंत्र:
- मार्ग: नासाद्वार → नासामार्ग → श्वासनली → श्वसनी → श्वसनिकाएँ → वायुकोश (एल्विओली)।
- गैसों का विनिमय: वायुकोशों में होता है (पतली दीवार, समृद्ध रक्त आपूर्ति)।
4. परिवहन (Transportation)
शरीर में पदार्थों के संवहन की प्रक्रिया।
A. मनुष्यों में (परिसंचरण तंत्र):
- हृदय: 4-कक्षीय (2 अलिंद, 2 निलय)। ऑक्सीजनित ও विऑक्सीजनित रक्त के मिश्रण को रोकता है।
- रक्त वाहिनियाँ:
- धमनियाँ: हृदय से ऑक्सीजनित रक्त ले जाती हैं (फुफ्फुसीय धमनी को छोड़कर)।
- शिराएँ: हृदय की ओर विऑक्सीजनित रक्त ले जाती हैं (फुफ्फुसीय शिरा को छोड़कर)।
- कोशिकाएँ: विनिमय का स्थान।
- रक्त के घटक:
- RBCs: ऑक्सीजन का परिवहन (हीमोग्लोबिन)।
- WBCs: संक्रमण से लड़ती हैं।
- प्लेटलेट्स: रक्त का थक्का बनाना।
- प्लाज्मा: तरल माध्यम।
B. पादपों में:
- जाइलम (Xylem): जड़ों से जल ও खनिज पत्तियों तक पहुँचाता है।
- फ्लोएम (Phloem): पत्तियों से भोजन (सुक्रोज) अन्य भागों तक पहुँचाता है (स्थानांतरण)।
5. उत्सर्जन (Excretion)
शरीर से चयापचयी अपशिष्टों को हटाने की प्रक्रिया।
A. मनुष्यों में:
- अंग: वृक्क (मुख्य), फेफड़े (CO₂), त्वचा (पसीना), यकृत (पित्त वर्णक)।
- मूत्र तंत्र:
- वृक्क (Kidneys): रक्त को छानकर मूत्र बनाते हैं (नेफ्रॉन छानने की इकाई है)।
- मूत्र: यूरिया, यूरिक अम्ल, लवण, जल होता है।
- डायलिसिस: वृक्क फेल होने पर रक्त का कृत्रिम छानना।
B. पादपों में:
- अपशिष्ट पदार्थ पत्तियों में जमा होते हैं (जो बाद में गिर जाती हैं) या रेजिन/गोंद के रूप में।
- प्रकाश संश्लेषण के दौरान O₂ उत्सर्जित करते हैं।
6. याद रखने योग्य मुख्य चित्र
- मानव पाचन तंत्र
- मानव श्वसन तंत्र
- हृदय की संरचना
- नेफ्रॉन की संरचना
- रंध्र (स्टोमेटा) की संरचना
त्वरित संशोधन तालिका: जैव प्रक्रम
प्रक्रम | मानव तंत्र | पादप तंत्र |
---|---|---|
पोषण | पाचन तंत्र | पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण |
श्वसन | श्वसन तंत्र | रंध्रों द्वारा गैस विनिमय |
परिवहन | परिसंचरण तंत्र (रक्त) | जाइलम ও फ्लोएम |
उत्सर्जन | मूत्र तंत्र (वृक्क) | पत्तियों में भंडारण; रंध्रों द्वारा मुक्त |
महत्वपूर्ण शब्दावली
- क्रमाकुंचन (Peristalsis): आहार नाल में भोजन को धकेलने के लिए तरंग जैसी गति।
- ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट): कोशिका की ऊर्जा मुद्रा।
- हीमोग्लोबिन: RBCs में ऑक्सीजन ले जाने वाला वर्णक।
- वाष्पोत्सर्जन: पादप पत्तियों से जलवाष्प का ह्रास।
- दृढ़ोत्स (Lenticels): तनों में गैस विनिमय के लिए छिद्र।
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न:
- आमाशय में HCl का क्या कार्य है?
- पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों के नाम और कार्य लिखिए।
- छोटी आँत भोजन के अवशोषण के लिए अनुकूल कैसे है?
- विली की संरचना और कार्य समझाइए।

मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System)
मानव पाचन तंत्र भोजन को ग्रहण करने, पचाने, अवशोषित करने और अपशिष्ट को निष्कासित करने का कार्य करता है। यह निम्नलिखित अंगों से मिलकर बना है:
- मुँह (Mouth)
- भोजन को ग्रहण करने और चबाने का कार्य।
- लार ग्रंथियाँ (Salivary Glands) लार स्रावित करती हैं, जिसमें एंजाइम एमाइलेस (Amylase) होता है जो स्टार्च को शर्करा में तोड़ता है।
- ग्रसिका (Oesophagus)
- भोजन को मुँह से आमाशय तक पहुँचाने वाली नली।
- क्रमाकुंचन गति (Peristalsis) द्वारा भोजन नीचे धकेला जाता है।
- आमाशय (Stomach)
- भोजन को अस्थायी रूप से संग्रहित करता है।
- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और पेप्सिन एंजाइम स्रावित होते हैं, जो प्रोटीन का पाचन करते हैं।
- HCl भोजन में उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है।
- छोटी आँत (Small Intestine)
- पाचन का मुख्य स्थान।
- यकृत (Liver) से पित्त रस (Bile) आता है, जो वसा का इमल्सीकरण करता है।
- अग्न्याशय (Pancreas) से एंजाइम स्रावित होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का पाचन करते हैं।
- अंगुली जैसे प्रवर्ध (Villi) भोजन के पोषक तत्वों का अवशोषण करते हैं।
- बड़ी आँत (Large Intestine)
- जल और खनिजों का अवशोषण।
- अपशिष्ट पदार्थों को मलाशय (Rectum) तक पहुँचाना।
- मलाशय (Rectum) और गुदा (Anus)
- मल का संग्रह और निष्कासन।
महत्वपूर्ण एंजाइम और उनके कार्य:
- एमाइलेस (Amylase): स्टार्च → शर्करा (मुँह में)
- पेप्सिन (Pepsin): प्रोटीन → पेप्टोन (आमाशय में)
- ट्रिप्सिन (Trypsin): प्रोटीन → पेप्टाइड (छोटी आँत में)
- लाइपेज (Lipase): वसा → फैटी अम्ल + ग्लिसरॉल (छोटी आँत में)
आरेख बनाने के लिए टिप्स:
- मुँह से शुरू करें और ग्रसिका, आमाशय, छोटी आँत, बड़ी आँत, मलाशय और गुदा को क्रम से दिखाएँ।
- यकृत और अग्न्याशय को आमाशय के पास दर्शाएँ।
- विली (Villi) को छोटी आँत की आंतरिक सतह पर अंगुली जैसे प्रवर्ध के रूप में दिखाएँ।
प्रश्न: मानव हृदय का एक नामांकित आरेख बनाइए तथा इसके विभिन्न भागों के नाम एवं कार्य लिखिए।

उत्तर:
मानव हृदय का आरेख:
[नीचे हृदय का स्पष्ट आरेख बनाएँ]
आरेख बनाने के निर्देश:
- हृदय का आकार शंकु जैसा बनाएँ।
- बाएँ निलय की दीवार सबसे मोटी दिखाएँ।
- सभी वाल्व और रक्त वाहिकाओं को सही स्थान पर दर्शाएँ।
- लेबल स्पष्ट और साफ़ लिखें।
हृदय के भागों के नाम एवं कार्य:
क्रमांक | भाग का नाम | कार्य |
---|---|---|
1. | दायाँ अलिंद | शरीर से विऑक्सीजनित रक्त प्राप्त करना। |
2. | दायाँ निलय | विऑक्सीजनित रक्त को फुफ्फुसीय धमनी द्वारा फेफड़ों में भेजना। |
3. | बायाँ अलिंद | फेफड़ों से ऑक्सीजनित रक्त प्राप्त करना। |
4. | बायाँ निलय | ऑक्सीजनित रक्त को महाधमनी द्वारा पूरे शरीर में पंप करना। |
5. | त्रिकपर्दी वाल्व | दायाँ अलिंद और दायाँ निलय के बीच रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करना। |
6. | द्विकपर्दी वाल्व | बायाँ अलिंद और बायाँ निलय के बीच रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करना। |
7. | महाधमनी | ऑक्सीजनित रक्त को बाएँ निलय से शरीर के विभिन्न भागों में ले जाना। |
8. | फुफ्फुसीय धमनी | विऑक्सीजनित रक्त को दाएँ निलय से फेफड़ों में ले जाना। |
9. | फुफ्फुसीय शिरा | ऑक्सीजनित रक्त को फेफड़ों से बाएँ अलिंद में लाना। |
10. | अग्र महाशिरा | शरीर के ऊपरी भाग से विऑक्सीजनित रक्त को दाएँ अलिंद में लाना। |
11. | पश्च महाशिरा | शरीर के निचले भाग से विऑक्सीजनित रक्त को दाएँ अलिंद में लाना। |
हृदय के समग्र कार्य:
- रक्त परिसंचरण: हृदय रक्त को पंप करके पूरे शरीर में परिसंचरण करता है।
- ऑक्सीजन वितरण: ऑक्सीजनित रक्त को शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाता है।
- CO₂ निष्कासन: विऑक्सीजनित रक्त को फेफड़ों में भेजकर CO₂ का निष्कासन करता है।
- पोषक तत्वों का transport: रक्त के माध्यम से पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुँचाता है।

मानव श्वसन तंत्र (Human Respiratory System)
श्वसन तंत्र वह प्रणाली है जो वायु से ऑक्सीजन लेकर रक्त में पहुँचाती है और कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को बाहर निकालती है। यह निम्नलिखित अंगों से मिलकर बना है:
श्वसन तंत्र के अंग एवं उनके कार्य:
- नासिका (Nose)
- वायु को अंदर लेने और बाहर निकालने का कार्य।
- नासिका में बाल और श्लेष्मा होते हैं जो वायु को छानकर धूल एवं कीटाणुओं से मुक्त करते हैं।
- वायु को गर्म और नम भी बनाते हैं।
- ग्रसनी (Pharynx)
- नासिका और मुख से आई वायु को स्वर यंत्र (Larynx) की ओर भेजता है।
- स्वर यंत्र (Larynx)
- इसे “कंठ” भी कहते हैं। यह आवाज उत्पन्न करने का कार्य करता है।
- इसमें वोकल कॉर्ड्स (स्वर तंतु) होते हैं।
- श्वासनली (Trachea)
- यह एक लंबी नली है जो स्वर यंत्र से फेफड़ों तक जाती है।
- इसकी दीवारों में C-आकार की उपास्थि (Cartilage) के छल्ले होते हैं जो इसे सदैव खुला रखते हैं।
- श्वासनली के अंदर श्लेष्मा और सिलिया (छोटे बाल) होते हैं जो धूल कणों को बाहर निकालते हैं।
- श्वसनी (Bronchi)
- श्वासनली फेफड़ों में जाकर दो शाखाओं में बँट जाती है, जिन्हें ब्रोंकाई (श्वसनी) कहते हैं।
- प्रत्येक ब्रोंकाई दाएँ और बाएँ फेफड़े में जाती है।
- श्वसनिकाएँ (Bronchioles)
- ब्रोंकाई आगे चलकर पतली-पतली नलिकाओं में बँट जाती है, जिन्हें ब्रोंकायोल्स कहते हैं।
- वायुकोश (Alveoli)
- ब्रोंकायोल्स के अंत में अंगूर के गुच्छे जैसी संरचनाएँ होती हैं, जिन्हें एल्विओली (वायुकोश) कहते हैं।
- एल्विओली की दीवारें अत्यंत पतली होती हैं और रक्त केशिकाओं से घिरी होती हैं।
- यहाँ O₂ और CO₂ का विनिमय (गैस एक्सचेंज) होता है – यह श्वसन तंत्र का मुख्य कार्य है।
- फेफड़े (Lungs)
- यह दो स्पंजी अंग हैं जो वक्ष गुहा (Chest Cavity) में स्थित होते हैं।
- दायाँ फेफड़ा तीन लोब्स में और बायाँ फेफड़ा दो लोब्स में बँटा होता है।
- मध्यपट (Diaphragm)
- यह एक गुंबद के आकार की मांसपेशी है जो वक्ष गुहा और उदर गुहा को अलग करती है।
- श्वसन में मदद करती है:
- श्वास लेने पर: मध्यपट सिकुड़कर चपटा हो जाता है → फेफड़े फैलते हैं → वायु अंदर आती है।
- श्वास छोड़ने पर: मध्यपट शिथिल होकर गुंबद के आकार का हो जाता है → फेफड़े सिकुड़ते हैं → वायु बाहर निकलती है।
श्वसन की क्रिया (Process of Respiration):
- बाह्य श्वसन (External Respiration):
- एल्विओली में O₂ और CO₂ का विनिमय।
- O₂ रक्त में मिलती है और CO₂ वायु में मिलती है।
- आंतरिक श्वसन (Internal Respiration):
- रक्त द्वारा O₂ कोशिकाओं तक पहुँचाना और CO₂ को वापस लाना।
- कोशिकीय श्वसन (Cellular Respiration):
- कोशिकाओं में O₂ का उपयोग करके ग्लूकोज का विखंडन → ऊर्जा (ATP) + CO₂ + जल उत्पन्न होता है।
- समीकरण:
C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ATP (ऊर्जा)
आरेख बनाने के निर्देश:
- नासिका → ग्रसनी → स्वर यंत्र → श्वासनली → ब्रोंकाई → ब्रोंकायोल्स → एल्विओली तक का क्रमिक आरेख बनाएँ।
- फेफड़ों को शंकु के आकार में दर्शाएँ।
- एल्विओली को अंगूर के गुच्छे जैसा दिखाएँ।
- मध्यपट को फेफड़ों के नीचे एक वक्र रेखा से दर्शाएँ।
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न:
- गैसों के विनिमय के लिए एल्विओली की संरचना कैसे अनुकूल है?
- उत्तर: एल्विओली की दीवारें पतली होती हैं, रक्त केशिकाओं का जाल होता है और सतह क्षेत्र अधिक होता है, जिससे O₂ और CO₂ का आदान-प्रदान आसानी से होता है।
- श्वास लेने और छोड़ने में मध्यपट की क्या भूमिका है?
- उत्तर: मध्यपट के सिकुड़ने और फैलने से वक्ष गुहा का आयतन बदलता है, जिससे फेफड़ों में वायु भरती और निकलती है।
- श्वासनली की दीवारों में उपास्थि के छल्ले क्यों होते हैं?
- उत्तर: ये छल्ले श्वासनली को सदैव खुला रखते हैं ताकि वायु का प्रवाह बिना रुकावट के हो सके।
नोट:
- परीक्षा में आरेख HB पेंसिल से बनाएँ।
- लेबल शार्प पेन से लिखें।
- कार्य संक्षिप्त और सटीक लिखें।
इस प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित हैं (आरेख: 3 अंक + कार्य: 2 अंक)।