भारत : जल संशाधन Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए:
प्रश्न 1.
जल संसाधन की सुरक्षा के लिए उपाय दर्शाइए ।
उत्तर:
जल संसाधन की सुरक्षा और व्यवस्थापन के लिए निम्नलिखित मुद्दे ध्यान में रखने चाहिए :
- बाग-बगीचों, वाहनों, शौचालयों तथा वॉश-बेसीनों में मितव्ययीतापूर्ण पानी का उपयोग करना चाहिए ।
- लोक जागृति पैदा करके तथा जल-संरक्षण और उसके कुशल व्यवस्थापन संबंधी प्रत्येक प्रवृत्ति में लोक भागीदारी बढ़ानी चाहिए ।
- उपयोग में लिए गये पानी का संभव हो तो पुन: उपयोग करना चाहिए ।
- जलाशयों को प्रदूषण से बचाना चाहिए । जलस्राव की सभी इकाइयों जैसे कि कुवा, ट्युबवेल, खेत तलावड़ी आदि का उपयोग बढ़ाना ।
- भूमि जल का उपयोग करनेवाली इकाईयों की देखभाल करनी चाहिए ।
- जल संचयन स्थलों की देखरेख करना, उनकी दुर्दशा सुधारना, जल प्रदूषण को रोकना तथा पानी के पाईपों की तुरंत मरम्मत करना ।
- संभव हो तो पानी का रीसाईकलिंग करना ।
- वर्षा के जल का संग्रह करना ।
- भूमिगत जलस्तर बढ़ाना ।
- नदी – नालों के बहते पानी को रोककर छोटे-बड़े बांध बनाना ।
प्रश्न 2.
भारत में जल संकट सर्जित होने के संजोगों को समझाइए ।
उत्तर:
जल प्राकृतिक संसाधन है । जनसंख्या बढ़ने, अनाज की माँग बढ़ने, नकदी फसलों को उगाने, शहरीकरण और लोगों की जीवनस्तर में परिवर्तन के कारण पानी की कमी निरंतर बढ़ती जा रही है ।
- पानी की पूर्ति की परिस्थिति और स्थानिय वितरण की असमानता अधिकतर मानवहितों, आजीविका तथा आर्थिक विकास के लिए चुनौती स्वरूप में है ।
- वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान के शुष्क प्रदेशों तथा द्विपकल्पीय पठारी आंतरिक भागों में जल संकट की गंभीर समस्या है ।
- सैंकड़ों गाँवों, कुछ नगरों में पानी की गुणवत्ता घट रही है जिससे जलजन्य अनेक रोग फैल रहे है ।
- पीने के पानी की सुविधाएँ बढ़ाने के लिए कुछ प्रयत्न किये गये है किन्तु पानी की माँग और पूर्ति के बीच अधिक अंतर है ।
- आज भारत के लगभग 8% शहरों में पेय जल की तीव्र कमी है ।
देश के 50% गाँवों में आज भी शुद्ध पीने के पानी की कमी है । - भारत में सिंचाई की सुविधा में काफी वृद्धि हुई है । फिर भी 2/3 कृषि अभी भी वर्षा पर निर्भर है ।
- वर्तमान में कुए और नल कूप द्वारा अधिक से अधिक पानी बाहर निकालने से भूमिगत जलस्तर नीचा चला गया है । परिणामस्वरूप भूमिगत जल संसाधन में कमी हुई है ।
- पानी की घटती गुणवत्ता और बढ़ती कमी ऐसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
- कृषि के उपरांत उद्योगों में पानी का अनियंत्रित उपयोग होता है, घरेलु तथा औद्योगिक इकाईयों के मलिन जल, जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत है ।
प्रश्न 3.
वृष्टि जल संचयन की जानकारी दीजिए
उत्तर:
वृष्टिजल को रोककर, इकट्ठा करके विशेष पद्धतियों जैसे कि कुआ, बाँध, खेत-तलावड़ी आदि के निर्माण का समावेश होता है । इन माध्यमों से जल संचयन होता है, यहाँ भूमिगत जल-स्तर ऊँचा आता है । इसके द्वारा कृषि की आवश्यकता पूरी हो सकती है ।
वृष्टि-जल संचयन के मुख्य उद्देश्य:
- भूमि जल को इकट्ठा करने की क्षमता बढ़ाना तथा भूगर्भ जल-स्तरों की वृद्धि करना ।
- जल प्रदूषण को घटाना ।
- भूमिगत जल की गुणवत्ता में सुधार करना ।
- स्थल मार्गों पर जल भरने से रोकना ।
- भू स्तर पर बहते पानी की मात्रा कम करना ।
- गर्मी में तथा लंबे शुष्क समयांतर में पानी की घरेलु आवश्यकता पूरी करना ।
- पानी की बढ़ती माँग को पूरा करना ।
- बड़े शहरों में बहुमंजीला आवासों के बीच बरसाद के पानी का संग्रह हो इसके लिए भूगर्भ टांकीयों अथवा बरसादी पानी जमीन में उतरे ऐसी व्यवस्था करना ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:
प्रश्न 1.
बहुउद्देशीय योजनाओं का महत्त्व बताइए ।
उत्तर:
भारत में अनेक छोटी-बड़ी नदियाँ बहती है । भारत का जल परिवाह समृद्ध है ।
- भारत का भूपृष्ठ ऐसा है कि अनेक नदियाँ मिलकर उनका जल समुद्र में मिलती है ।
- इस जल का उद्देश्य अनेक उद्देश्यों के लिए होता है इसलिए विभिन्न नदियों पर बहुउद्देशीय योजनाएँ बनाई गयी है ।
- बहुउद्देशीय योजना अर्थात् नदी-घाटियों के साथ संलग्न विभिन्न समस्याओं को हल करना ।
- इसमें बाढ़ नियंत्रण, जमीन-कटाव रोकना, सिंचाई और पेयजल, उद्योगों, मानव बस्तियों को दिया जानेवाला पानी, विद्युत उत्पादन, आंतरिक जल परिवहन, मनोरंजन, वन्य जीवन संरक्षण और मत्स्य विकास का समावेश होता है ।
प्रश्न 2.
सिंचाईक्षेत्र के वितरण के विषय में लिखिए ।
उत्तर:
भारत के प्रत्येक राज्य में जल का असमान वितरण पाया जाता है ।
- आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों तथा गोदावरी, कृष्णा नदी के मुखत्रिकोण प्रदेशों, उड़ीसा के डेल्टा (महानदी) प्रदेश, तमिलनाडु में कावेरी के मुखत्रिकोण प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि देश के सघन सिंचाई क्षेत्र है ।
- स्वतंत्रता के बाद भारत में कुल सिंचाई क्षेत्र लगभग चार गुना बढ़ गया है, स्पष्ट बुवाई क्षेत्र के लगभग 38% भाग में सिंचाई होती है ।
- भारत के राज्यों में सिंचाई क्षेत्रों के वितरण में अधिक असमानता है । मिजोरम में स्पष्ट बुवाई क्षेत्र के केवल 7.3% क्षेत्र में सिंचाई होती है । जबकि पंजाब में सिंचाई क्षेत्र का प्रमाण 90.8% है ।
- कुल सिंचाई क्षेत्र के अनुपात में स्पष्ट बुवाई क्षेत्र के संदर्भ में काफी असमानता पायी जाती है ।
- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मु और कश्मीर, तमिलनाडु और मणिपुर में बुवाई क्षेत्र के 40% से अधिक भाग पर सिंचाई होती है ।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:
प्रश्न 3.
भूमिगत जल के उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
पृष्ठीय जल के अवशोषण जमीन में होने की प्रक्रिया से भूमिगत जल प्राप्त होता है ।
- भूमिगत जल का मुख्य उपयोग सिंचाई में होता है ।
- इसके अलावा घरेलू उपयोग, उद्योगों आदि में भूमिगत जल का उपयोग होता है ।
- भारत में उत्तरी मैदानी विस्तार में 42% भूमिगत जल मिलता है ।
प्रश्न 2.
जल संचयन जल-व्यवस्थापन के लिए कौन से मुद्दे ध्यान में रखने चाहिए ?
उत्तर:
लोक-जागृति करके तथा जल-संरक्षण और कुशल व्यवस्थापन संबंधी हर एक प्रवृत्ति में लोकहिस्से को बढ़ाना ।
* बाग-बगीचा, परिवहन, शौचालय तथा वॉश-बेसिन में आवश्यक पानी का किफायती उपयोग करना ।
* उपयोग में लिए गए पानी का अगर सम्भव हो तो फिर से हर एक इकाई जैसे कि कुएँ, ट्यूबवेल, खेत के पास के तालाब आदि का उपयोग बढ़ाना ।
* भूमिगत जल के उपयोग के समय आवश्यक इकाइयों पर ध्यान रखना ।
* जलाशयों को प्रदूषण से बचाना चाहिए । एक बार प्रदूषण होने के बाद वही जलाशय वर्षों तक अनुपयोगी बन जाता है ।
* जल-संचयन स्थलों की दुर्दशा एवं जल प्रदूषण को रोकने के लिए पानी की पाइप की तत्काल मरम्मत कर देनी चाहिए ।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:
प्रश्न 1.
पृष्ठीय जल का मुख्य स्रोत कौन-सा है ?
(A) वृष्टि
(B) तालाब
(C) नदियाँ
(D) झीलें
उत्तर:
(C) नदियाँ
प्रश्न 2.
निम्नलिखित बहुउद्देशीय योजनाओं को उनके लाभान्वित राज्यों के साथ जोड़ा उचित क्रम में पसंद कीजिए ।
1. भाखड़ा-नॉगल
2. कोसी
3. नागार्जुन सागर
4. नर्मदा
(a) बिहार
(b) पंजाब
(c) गुजरात
(d) आंध्र प्रदेश
(A) (1 – b), (2 – a), (3 – c), (4 – d)
(B) (1 – b), (2 – a), (3 – d), (4 – c)
(C) (1 – d), (2 – c), (3 – b), (4 – a)
(D) (1 – c), (2 – d), (3 – a), (4-b)
उत्तर:
(B) (1 – b), (2 – a), (3 – d), (4 – c)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा विधान सही नहीं है ?
(A) भारत में नेहरों की अपेक्षा कुएँ और ट्युबवेल द्वारा होनेवाली सिंचाई की मात्रा बढ़ी है ।
(B) हिमालय से निकलनेवाली नदियाँ मौसमी नदियाँ कहलाती है ।
(C) जमीन की सपाटी पर से शोषित (रिस)कर भूमि के नीचे जमा होनेवाले जल को भूमिगत जल कहते हैं ।
(D) पंजाब और हरियाणा सिंचाई क्षेत्र में अग्रसर राज्य है ।
उत्तर:
(B) हिमालय से निकलनेवाली नदियाँ मौसमी नदियाँ कहलाती है ।
प्रश्न 4.
कक्षा में ‘खेत तलावड़ी’ विषय पर विद्यार्थियों की चर्चा दरमियान प्रस्तुत हुआ कौन-सा विधान सही है ?
(A) जय पीने योग्य पानी की प्राप्ति का महत्त्वपूर्ण संसाधन है ।
(B) यश अधिक वृक्ष बोनेवाले आंदोलन का महत्त्वपूर्ण संसाधन है ।
(C) युग यह जमीन का धोवान रोकने की आधुनिक पद्धति है ।
(D) दक्ष यह वृष्टि संचयन की एक पद्धति है ।
उत्तर:
(C) युग यह जमीन का धोवान रोकने की आधुनिक पद्धति है ।
