Class 10 Social Science Chapter 19 मानव विकास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए:

प्रश्न 1.
मानव विकास अंक की गणना किस तरह कर सकते है ?
उत्तर:
UNDP द्वारा मानव विकास अंक (HDI) की गणना के लिए सन् 2010 से निम्न तीन निर्देशकों का उपयोग किया गया है:
(1) अपेक्षित आयु (औसत आयु) : स्वास्थ्य और दीर्घआयु के मापन के लिए बालक के जन्म समय से वह कितने वर्ष की आयु भोग सकेगा ऐसी अपेक्षा को अपेक्षित आयु कहते हैं । जिसमें अधिकतम 83.6 वर्ष और न्यूनतम 20 वर्ष निर्धारित की गयी है । मानव विकास प्रतिवेदन 2015 में भारत की अपेक्षित आयु अंक 68 वर्ष है।

(2) शिक्षण अंक (शिक्षा संपादन): जिसके दो उपनिर्देशक निम्नानुसार है:

  • विद्यालयी औसत वर्ष : 25 वर्ष का व्यस्क व्यक्ति द्वारा विद्यालय में बिताए वर्ष । जिनमें अधिकतम 13.3 वर्ष और न्यूनतम शून्य वर्ष निर्धारित है । जिसमें मानव विकास प्रतिवेदन 2015 के अनुसार भारत का विद्यालयी औसत वर्ष 5.4 वर्ष है ।
  • अपेक्षित विद्यालयी वर्ष : 5 वर्ष का बालक अपने जीवन में कितने वर्ष विद्यालय में बिताएगा वे वर्ष । इसमें उच्चतम 18 वर्ष और न्यूनतम 0 वर्ष निश्चित है ।

जिसमें भारत की अपेक्षित विद्यालयी वर्ष 11.7 वर्ष है । आय अंक (जीवन स्तर) : जीवन निर्वाह को मापने के लिए प्रति व्यक्ति कुल घरेलु उत्पादन (GDP) को प्रति व्यक्ति कुल राष्ट्रीय आय (GNI) के साथ प्रतिस्थापित किया जाता है । मानव विकास प्रतिवेदन 2015 में भारत की प्रतिव्यक्ति कुल राष्ट्रीय आय 5497 $ और प्रतिव्यक्ति कुल घरेलु उत्पादन 5238 $ है । प्रति व्यक्ति आय की गणना के लिए उस देश का आय को अमेरिका की चलन मूल्य में गिना जाता है, जो समक्रम शक्ति के रूप में पहचानी जाती है ।

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प्रश्न 2.
मानव विकास के सामने चुनौतियाँ बताइए ।
उत्तर:
मानव विकास के सामने निम्नलिखित चुनौतियाँ:
(1) स्वास्थ्य :
स्वास्थ्य मानव जीवन के लिए आवश्यक और कीमती पूँजी है । व्यक्ति का पारिवारिक, सामाजिक जीवन उत्तम बने इसके लिए सर्वप्रथम उसका स्वास्थ्य अच्छा रहे यह जरुरी है । भारत जैसे विकासशील देशों में स्वास्थ्य नीतियों ने जनसंख्यावृद्धि, सामान्य रोगों, कुपोषण, अपंगता, एड्स जैसे चेपी रोगों, मानसिक रोगों और संबंधित बातों पर ध्यान केन्द्रित किया । बालचिकित्सा में टिकाकरण कार्यक्रम में OPVC पोलियो के लिए, बीसीजी (क्षय के लिए), हिपोटाईटीस-बी (जहरी रोग), डी.पी.टी. (डिप्थेरिया) बड़ी उधरस – धनुर हेतु, ओरी, M.M.R. और टाइफाईड विरोधी टीका बालक को देने से बालमृत्यु दर में कमी ला सकते है । बढ़ते शहरीकरण, घनी बसावटों में नयी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए समस्याएँ खड़ी हुई है । पर्यावरणीय प्रदूषण और जहरी पदार्थों के उद्भव दैनिक जीवन में नयी चुनौती है ।

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लैंगिक असमानता :
सन् 2011 की जनसंख्या के प्रतिवेदन के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 48.46% स्त्रियाँ और 51.54% पुरुष है । इस दृष्टि से देखें तो भारत ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी देश की प्रगति और विकास में मानव संसाधन के रूप में स्त्रियों की संख्या महत्त्वपूर्ण है । परंतु स्त्री की जैविक भिन्नता के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण स्त्रियों के लालनपालन में अलग दृष्टिकोण है । स्त्रियों को परिवार में कोई भी निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं है, स्वास्थ्य की अपूर्ण देखभाल, शिक्षा और आर्थिक अधिकारों में उसे वंचित रखा जाता है । भारतीय संसद में महिलाओं की मात्रा मात्र 12.2% ही है ।

महिला सशक्तिकरण : स्त्रियाँ संपूर्ण विकास की प्रक्रिया का केन्द्रबिन्दु है । किसी भी विकासशील राष्ट्र में आर्थिक सशक्तिकरण महिला सशक्तिकरण महत्त्वपूर्ण है । स्त्रियाँ सशक्त बनेंगी तो एक घर, एक समाज और एक राष्ट्र सशक्त बनेगा । भारत में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विविध राज्यों में महिला मुख्यमंत्री समय-समय पर बनी है । टेक्षी चलाने से लेकर विमान के पायलोट तक का सफर तय किया है । वर्तमान में शिक्षा, प्रशिक्षण, कुशलता के कारण स्त्री रोजगार में वृद्धि हो रही है । फिर भी देश की आधी जनसंख्या के विकास की काफी संभावनाएँ है जिसके विस्तरण में हमें अभी भी अनेक प्रयास करने पड़ेंगे ।

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प्रश्न 3.
भारत में महिलाओं के साथ किस प्रकार का भेदभाव पाया जाता है ?
उत्तर:
स्त्री-पुरुष में जैविक भिन्नता के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी देखभाल और विकास में भिन्नता पायी जाती

  • आज भी कई परिवारों में महिलाएँ घरकाम, रसोई बनाने, बालकों के पालन-पालन का काम करती है, उनका कोई भी हिस्सा आर्थिक उपार्जन या राष्ट्रीय आय में गिना नहीं जाता है ।
  • स्त्रियों को परिवार में कोई भी निर्णय लेने की सत्ता नहीं है ।
  • स्वास्थ्य की अपूर्ण देखभाल तथा शिक्षण और आर्थिक सत्ता से उन्हें वंचित रखा जाता है । पुत्री-पुत्र के कपड़ों में, खेतों में, अध्ययन के अवसरों में, भोजन में, घूमने-फिरने में, आचार-विचार और व्यवहार में पुत्री की भिन्न सीख आदि में भेदभाव पाया जाता है ।
  • महिलाओं में साक्षरता की मात्रा नीची होने से स्त्रियाँ बालविवाह, पर्दाप्रथा, दहेजप्रथा तथा अनेक सामाजिक कुरिवाजों का भोग बनती आयी है । समाज में भ्रूण हत्या, निम्न आदरभाव, पुत्री जन्म के लिए इच्छा, सामाजिक परंपराओं और जातीय भेदभाव के कारण स्त्रियों को ही अन्याय का भोग बनना पड़ता है ।
  • आर्थिक, राजकीय, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्र में अवसर तथा निर्णय प्रक्रिया में असमानता पायी जाती है ।
  • भारत में अधिकांश राज्यों में उच्च पद, ऊँची आय, अधिक लाभ, अधिक वेतन मिले ऐसे कामोंवाले उद्योगों और पुरुषों में स्त्रियों का वर्चस्व है।
  • संसद, विधानसभाओं, वरिष्ट अधिकारियों, मेनेजरों, कंपनी के डायरेक्टरों और टेक्निकल क्षेत्रों में स्त्री-पुरुषों में भेदभाव पाया जाता है ।

प्रश्न 4.
भारत में स्वास्थ्य सुधार के लिए किये गये कार्य बताइए ।
उत्तर:
स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन की आवश्यक पूँजी है । व्यक्ति का पारिवारिक और सामाजिक जीवन उत्तम बने उसके लिए उसका स्वास्थ्य अच्छा रहे यह आवश्यक है ।

  • भारत जैसे विकासशील देशों में स्वास्थ्य नीतियाँ, जनसंख्या वृद्धि, सामान्य रोग, कुपोषण, अपंगता, एड्स जैसे संक्रामक रोग, . मानसिक रोग और उससे संबंधित मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया ।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये खर्च मात्र जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मानव विकास एक निवेश है । भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति हुई है।
  • बाल टीकाकरण कार्यक्रम में OPV (पोलियों), बी.सी.जी. (क्षय), हिपेटाइटीस (जेहरी पीलिया), डी.पी.टी. (डिप्थेरिया-बड़ी उधरस, धनुर), औरी, एम.एम.आर. और टाइफोइड विरोधी टिका बालकों को देने से बाल स्वास्थ्य और बाल मृत्युदर में अधिक सुधार ला सकते है ।
  • आयोडिन, विटामिन और लोहतत्त्व की कमी के सामने अभियान चल रहा है । हम प्लेग, शीतला, रक्तपित और पोलियो निर्मूल कर सकते है ।
  • ओरी, अछबड़ा, मलेरिया, डेंग्यु, पीलिया, कोढ़, क्षय, मधुमेह, केन्सर तथा हृदयरोग आदि पर नियंत्रण लाद सके है । परिणामस्वरूप मानव लंबा, तंदुरस्त और स्वस्थ जीवन जी रहा है ।
  • जन्मदर, मृत्युदर, बालमृत्यु, बाल मृत्युदर में कमी दर्ज हुई है । औसत आयु में वृद्धि हुई है । तो भी भारत में अनेक राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर घटाने के लिए महत्त्वपूर्ण लक्ष्य बन गयी है ।
  • पानी जन्य रोग श्वसन रोग और कुपोषण जनसंख्या के लिए समस्या उत्पन्न की है ।
  • महिलाओं, बालकों और गरीब लोगों के लिए पोषक तत्त्वों में कमी, मूलभूत खनिज, विटामिन्स और प्रोटीन की कमी स्त्रियों और बालकों के अधूरे विकास के लिए जवाबदार है । पर्यावरणीय प्रदूषण और जेहरी पदार्थों का उद्भव दैनिक जीवन में नयी चुनौती है
  • बढ़ते शहरीकरण, सघन जनसंख्या ने नयी . समस्याएँ उत्पन्न की है ।
  • इन नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले की स्वास्थ्य कार्यसूचि में विशेष ध्यान और परिवर्तन करने जरुरी बने है।

प्रश्न 5.
गुजरात में महिला समानता के लिए कौन-कौन-सी योजनाएं लागू की है ? समझाइए ।
उत्तर:
गुजरात में महिला समानता और सशक्तिकरण के लिए निम्न योजनाएँ अमल में रखी है :

  • गुजरात में कन्या शिक्षण और जागृति के लिए विद्यालय प्रवेशोत्सव और कन्या शिक्षण रथयात्रा की शुरूआत की जिसके कारण 100% नामांकन और महिला साक्षरता दर में वृद्धि हुई ।
  • राज्य में 35% से कम साक्षरतावाले गाँवों में तथा शहरों में बसनेवाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीनेवाले परिवारों की लड़कियों को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करते समय ‘विद्यालक्षी बोंड’ दिया जाता है ।
  • ‘सरस्वती साधना योजना’ के तहत प्रतिवर्ष डेढ़ लाख कन्याओं को बिना मूल्य साईकिल दी जाती है । बहारगाँव अध्ययन के लिए जाती कन्याओं को एस.टी. बस में यात्रा की मुफ्त सुविधा दी जाती है ।
  • किशोरियों को पोष्टिक आहार तथा उनके कौशल्य विकास के लिए ‘सबला योजना’ अमल में रखी गयी ।
  • गुजरात सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33% आरक्षण की व्यवस्था की है । तथा स्थानीय स्वराज्य की संस्थाओं में महिलाओं का आरक्षण 33% से बढ़ाकर 50% कर दिया है । .
  • श्रमजीवियों और निराधार वृद्धों को अंतिम उम्र में जीवन निर्वाह के लिए पेन्शन मिले और उनका भविष्य सुरक्षित बने इसके लिए ‘राष्ट्रीय स्वावलंबन योजना’ अमल में रखी है । इसके उपरांत निराधार विधवा महिलाओं को लाचारीभरा जीवन जीना न पड़े, इसके लिए आर्थिक सहायता दी जाती है ।
  • महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वनिर्भर बनाने के लिए सख्रीमंडल द्वारा सरकार ‘मिशन मंगलम् योजना’ द्वारा आर्थिक सहायता देती है।
  • बेटी बचाओ अभियान द्वारा लिंगभेद की समाप्ति हेतु ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ और बेटी पढ़ाओ’ स्त्री सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है ।
  • अनुसूचित जाति और जनजाति के सामान्य परिवारों की प्रसूति महिलाओं को ‘चिरंजीवी योजना’ के अंतर्गत प्रसूति, दवाएँ, लेबोरेटरी जाँच आदि सेवाएँ बिना मूल्य उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है ।
  • महिला स्वास्थ्य के लिए ई-ममता कार्यक्रम में मोबाइल टेक्नोलॉजी द्वारा सगर्भा माता का नामांकन करके उसे ममता कार्ड देकर शिशु और प्रसूति संबंधी मृत्यु घटाने की पहल की गयी है । इसी प्रकार उसकी नियमित स्वास्थ्य जाँच करके उपचार तथा बालक के जन्म के बाद टीकाकरण कार्यक्रम द्वारा माता और बालक के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है ।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:

प्रश्न 1.
मानव विकास का मानव जीवन की किन-किन बातों के साथ संबंध है ?
उत्तर:
मानव विकास के चार आवश्यक स्तंभ है । समानता, स्थिरता, उत्पादकता और सशक्तिकरण ।

  • मनुष्य अपनी रूचि, योग्यता, बुद्धिक्षमता के अनुसार सफल और सर्जनात्मक जीवन जीने में सहायक बने ।
  • मानवक्षमताओं का निर्माण हो, स्वस्थ और दीर्घआयु जीवन जिये ।
  • सूचना और शिक्षा द्वारा ज्ञान प्राप्त करे ।
  • आर्थिक उपार्जन के अवसर प्राप्त हो ।
  • ऊँची जीवनस्तर के लिए प्राकृतिक संसाधनों का समान रूप से उपलब्धि हो ।
  • गुणवत्तायुक्त जीवन शैली प्राप्त हो ।
  • गंदगी का उचित निकाल हो और स्वास्थ्य संबंधी परिस्थिति सुधरे ।
  • व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो ।
  • मानव अधिकारों का उपयोग करे ।

प्रश्न 2.
भारत सरकार की महिला कल्याणकारी योजनाएँ क्रमिकरूप से बताइए ।
उत्तर:
भारत ने महिलाओं को समान दरज्जा, शिक्षा, सुरक्षा, मूलभूत स्वतंत्रता प्राप्त हो इसके लिए 1980 से महिलाओं को एक अलग लक्ष्य समूह मानकर महिला विकास संबंधित अनेक योजनाएँ, कार्यक्रम लागु किये गये है ।

  • 1999 में राष्ट्रीय महिला आयोग की रचना की गयी ।
  • महिला सशक्तिकरण की राष्ट्रीय नीति 2001 के अनुसार महिला और बालविकास विभाग द्वारा सामर्थ्य निर्माण, रोजगार, आर्थिक उपार्जन कल्याण तथा सहायक सेवाओं और लैंगिक संवेदनशीलता के क्षेत्र में विविध कार्य किये जाते है । युनाइटेड नेशन्स ने 1975 के वर्ष को महिला वर्ष और 1975 से 1985 के दशक को महिला दशक तथा 2002 के वर्ष को महिला सशक्तिकरण दशक के रूप में मनाया जाता है ।
  • परिवार की संपत्ति में समान हिस्सा मिले इसके लिए कानून में सुधार किया गया है ।

प्रश्न 3.
‘अभयम् योजना’ क्या है ? समझाइए ।
उत्तर:
महिला सुरक्षा के अंतर्गत विविध प्रकार की हिंसा से पीडित महिला तथा अपने विकास के लिए आवश्यक मार्गदर्शन मागती महिलाओं को मात्र एक ही कॉल से मदद मिल पाये इसके लिए 181 अभयम् महिला हेल्पलाइन शुरू करके उसे समग्र गुजरात राज्य में लागु की है । गरीब महिलाओं को सरलता से न्याय मिल सके इसके लिए नारी आंदोलन आयोजित करने और महिलाओं को सामाजिक कानूनी और रोजगार संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए महिला कल्याण केन्द्रों की रचना की गयी है । महिलाओं के शारीरिक, मानसिक और लैंगिक शोषण के विरुद्ध रक्षण हेतु सरकार जागृत बनी है । सरकारी कार्यालयों में निजी व्यवसाय और घर नोकर के रूप में कार्य करती महिलाओं का यौन-शोषण न हो और स्वतंत्र रूप से कामकाज कर सके इसके लिए संसद में कानून पास करके महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की है ।

प्रश्न 4.
आपके पास पायी जानेवाली कौन-कौन सी बातें मानव विकास को प्रभावित करती है ?
उत्तर:
मानव विकास के लिए हमारे परिवार और हमारे मोहल्ले तथा गाँव में नजर करेंगे तो पता चलेगा कि किसी भी सगर्भा माता को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, कम वजनवाले बालकों का जन्म होता है, बालकों को कुपोषण होता है, बालक आंगणवाडी या विद्यालय में नहीं जाता है, विद्यालय में पढ़ते बालकों को पढ़ना-लिखना न आता हो, अध्ययन बीच में छोड़ दिया हो, पुत्री को उच्च अध्ययन ना मिलता हो, युवाओं को रोजगारी न मिलती हो, दुर्घटना के कारण किसी की अकाल मृत्यु हो, किसी गंभीर बीमारी का भोग बने इन सभी बातों का असर हमारे देश के मानव विकास अंक पर पड़ता है ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में लिखिए:

प्रश्न 1.
मानव विकास अंक अर्थात् क्या ?
उत्तर:
‘मानव विकास यह मानवीय आकांक्षाओं और आवश्यक हो ऐसी जीवन निर्वाह की सुविधाओं में वृद्धि करने की प्रक्रिया है । UNDP मानव विकास, विकास की दिशा में मानव – केन्द्रित अभिगम है । मानव विकास का उद्देश्य प्रत्येक के लिए जीवन की एकसमान परिस्थिति उत्पन्न करना है । जिससे लोग उनकी प्रतिभा अनुसार सार्थक और सर्जनात्मक जीवन जी सके । शुरुआत में मात्र आर्थिक विकास ही मानव विकास के रूप में मापा जाता है । ‘जिस देश की प्रतिव्यक्ति आय अधिक’ उस देश का मानव विकास अधिक है यह मापदण्ड गिना जाता था । वर्तमान में मानव विकास के चार अनिवार्य स्तंभ है । समानता, स्थिरता, उत्पादकता और सशक्तिकरण ।

प्रश्न 2.
मानव विकास अंक के माप की नयी प्रविधि में किन-किन निर्देशकों का समावेश होता है ?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित प्रथम मानव विकास अंक (HDI) द्वारा तीन निर्देशक मानव विकास को नापने के बताए गये थे ।

  1. औसत आयु (स्वास्थ्य)
  2. शिक्षण संपादन (ज्ञान) और
  3. जीवनस्तर (प्रतिव्यक्ति आय)

सन् 2010 में तीन नयी प्रवृद्धियों का उपयोग किया गया था :

  • अपेक्षित आयुष्य अंक (औसत आयु)
  • शिक्षण अंक (शिक्षण संपादन) और
  • आय अंक (जीवन स्तर)

प्रश्न 3.
मानव विकास प्रतिवेदन-2015 के अनुसार भारत का मानव विकास अंक और क्रम कौन-सा था ?
उत्तर:
सन 2015 के प्रतिवेदन के अनुसार भारत का मानव विकास क्रम 0.609 था । मानव विकास में 188 देशों में भारत का स्थान । 130वाँ था।

प्रश्न 4.
भारत के कौन-से पड़ोसी देशों का मानव विकास अंक भारत से अधिक है ?
उत्तर:

  • श्रीलंका (0.759) 73वाँ क्रम,
  • चीन (0.727) 90वाँ क्रम,
  • मालदीव (0.706) 104 स्थान,
  • सिंगापुर (0.912) 11वाँ

स्थान आदि मानव विकास की दृष्टि से भारत से आगे एशियाई देश है ।

प्रश्न 5.
बाल टीकाकरण में कौन-कौन से टीके बालकों को लगाए जाते है ?
उत्तर:
बाल टीकाकरण कार्यक्रम में ओ.पी.वी. (पोलियो के लिए), बी.सी.जी. (क्षय के लिए), हीपेटाईटीस-बी (जेहरी पीलिया), डी.पी.टी. (डिप्थेरिया – बड़ी उधरस – धनुर के लिए, एरा (माता), एम.एम.आर. और टाईफोईड के टिके लगाये जाते है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
मानव विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में कौन-सी संस्था कार्य करती है ?
(A) UNESCO
(B) UNICEF
(C) FAO
(D) UNDP
उत्तर:
(D) UNDP

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा देश उच्च मानव विकास अंकवाला देश है ?
(A) भारत
(B) नाईजर
(C) नोर्वे
(D) ब्राजील
उत्तर:
(C) नोर्वे

प्रश्न 3.
निम्न देशों को मानव विकास अंक में उतरते क्रम में रखने पर कौन-सा जोड़ा सही बनेगा ?
(A) भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान
(B) श्रीलंका, भूटान, भारत, नेपाल
(C) श्रीलंका, भारत, भूटान, नेपाल
(D) श्रीलंका, भारत, नेपाल, भूटान
उत्तर:
(C) श्रीलंका, भारत, भूटान, नेपाल

प्रश्न 4.
भारत में महिला सशक्तिकरण, वर्ष के रूप में कौन-सा मनाया जाता है ?
(A) 1975
(B) 2002
(C) 1985
(D) 1999
उत्तर:
(B) 2002

प्रश्न 5.
भारतीय मूल के किस अर्थशास्त्री को नोबल पुरस्कार मिला है ?
(A) महबूब उल हक
(B) अमर्त्य सेन
(C) रवीन्द्रनाथ टेगौर
(D) सी. वी. रमन
उत्तर:
(B) अमर्त्य सेन

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