सामाजिक परिवर्तन Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए:
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान में किन बाल अधिकारों का समावेश किया गया है ?
उत्तर:
सन् 1992 में UNO ने चार्टर ऑफ राईट्स’ की घोषणा की थी । उसके बाद भारतीय संविधान में उनका समावेश किया गया जो निम्नानुसार है:
- जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म या राष्ट्रीयता के किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना बच्चों को जीने का जन्मसिद्ध अधिकार
- माता-पिता के द्वारा बच्चों का योग्य रीत से पालन-पोषण हो, यह भी उसका एक अधिकार है । किसी भी बालक को कोई खास कारण के बिना उसके माँ-बाप से अलग कर सकते नहीं है ।
- हर एक बालक को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, जिससे वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके ।
- हर एक बालक को तंदुरस्त और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है । खेल-कूद और मनोरंजन की प्रवृत्तिओं में भाग (हिस्सा) लेकर आनंदपूर्ण जीवन जीने का पूर्ण अधिकार है ।
- हर एक बालक को अपने धर्म समुदाय में रहने का और संस्कृति संवारने का अधिकार है ।
- बालक को अभिव्यक्ति के लिए और मंडल की रचना करने के लिए तथा सभ्य बनने का अधिकार है, जैसे कि बालसांसद ।
- हर एक बालक को कोई भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक हिंसा, शोषण, यातना के सामने रक्षा का अधिकार है ।
- अपने शारीरिक, मानसिक, नैतिक और सामाजिक विकास के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं जीवनस्तर प्राप्त करने का अधिकार
प्रश्न 2.
वृद्धों की समस्याओं का वर्णन करो तथा उनकी रक्षा और कल्याण के लिए प्रावधानों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
वृद्धावस्था कुदरती क्रम है । जैसे जैसे मनुष्य की उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे शारीरिक और मानसिक शक्ति कम हो जाती है । आज के व्यक्तिवादी और भौतिकवादी समय में उनका सन्मान और गौरव बना रहे, उस दिशा में खास प्रयत्न करने की जरूरत है । संयुक्त कुटुंब में रहते वृद्धों की देखभाल पहले के समय की तुलना में अभी अधिक ली जाती है । कुटुंब विभक्त बनने पर समस्या कम या ज्यादा गंभीर बनती है, जिसके कारण कई वृद्धों को वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर करता है ।
फ़ैमिली गेम
वे एक प्रकार की उपेक्षा और निःसहाय की स्थिति में हैं । जब कि उनको सहायता की जरूरत है तब अलग रहना इनके लिए बहुत दुःखदायक है । अकेले रहनेवाले अशक्त वृद्धों की असलामती बढ़ती जाती है । वृद्धों की सलामती और रक्षा के लिए खास कार्यवाही करनी चाहिए । बड़े शहरों में यह समस्या बहुत गंभीर बन जाती है । ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत व्यवसाय में से वृद्धावस्था के कारण मुक्ति पानेवाले वद्धों के लिए लम्बे अरसे की कोई आर्थिक सहायता या पेन्शन की योजना न होने के कारण वृद्धों का जीवन अनेकविध समस्याओं से भरपूर है ।
वृद्धों की सुरक्षा और कल्याण के उपाय :
- वृद्धों के लिए. 1999 में राष्ट्रीय नीति केन्द्र सरकार ने लागु की है । जिसके तहत वृद्धों को पेन्शन/आर्थिक सहायता दी जाती सीनियर सिटिजन्स के लिए स्कीम के तहत वृद्धों को बैंक/पोस्ट ऑफिस में रखे डिपोजिट पर अधिक ब्याज दर की सुविधा, बस, रेलवे या हवाई यात्रा में पुरुष-स्त्री को टिकिट दर में 30 से 50% की राहत दी जाती है । राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में एक सुविधायुक्त ‘वृद्धाश्रम’ खोले है, शहरों में वृद्धों के लिए अलग से बगीचे खुले रखे है । वृद्धाश्रमों में संगीत, योग, खेल, मानसिक क्षमता बढ़े ऐसी प्रवृत्तियों द्वारा जीवन में शांति स्थापित करने का प्रयत्न किया है ।
- वृद्धों की सुरक्षा के लिए घरेलु हिंसा, शोषण, अत्याचार के विरुद्ध रक्षा देने के लिए सरकार ने माता-पिता और सीनियर सीटीजन की देखभाल और कल्याण संबंधी कानून 2007 में लागु किया जिसमें वृद्धों को हेरान करते उनकी संतानों को दण्ड देने का प्रावधान है । वृद्धों को भरणपोषण का अधिकार दिया है । केन्द्र सरकार ने विशिष्ट योगदान के लिए प्रौढ़ों को सम्मानित करने का कार्यक्रम
चलाया है ।
→ UNO ने 1999 के वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध वर्ष घोषित किया है । प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध वर्ष मनाया जाता
प्रश्न 3.
सूचना प्राप्त करने के अधिकार के उद्देश्यों को बताकर सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया बताइए ।
उत्तर:
सूचना प्राप्त करने का अधिकार अधिनियम केन्द्र सरकार ने 15 जून, 2005 के दिन पास किया । यह जम्मू-कश्मीर को छोड़कर समग्र भारत में लागु पड़ता है । इसके आधार पर देश की गुप्तचर संस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा एकता और अखंडता को स्पर्श करती हो ऐसी संस्थाओं और विदेशी राजदूतों के कार्यालयों सहित कुछ अपवाद के अलावा सभी संस्थाओं पर लागु पड़ता है ।
उद्देश्य : पारदर्शक, स्वच्छ, सरल और तीव्र प्रशासनिक कार्य हो, इसमें प्रशासनिक सहयोग प्राप्त करना इस कानून का मूल उद्देश्य है । संवैधानिक व्यवस्थाओं के अधीन कोई भी नागरिक अपने रुके कार्यों के संबंध में योजनाओं के लागु होने के उद्देश्य के प्रजालक्षी कार्यों की सफलता और स्थिति के संबंधित विभाग के ऊपरी अधिकारी को प्रश्न पूछकर सही जानकारी प्राप्त कर सकता है ।
सूचना किस प्रकार प्राप्त करना ? इस अधिकार के तहत सूचना प्राप्ति हेतु आवेदक को निश्चित नमूने में निर्धारित फीस की रकम भरकर नगद में पोस्टल ऑर्डर, पे-ऑर्डर या नॉन ज्यूडिशियल आदेश के साथ जोड़नी होती है । यह आवेदन हस्तलिखित, टाईप या ई-मेल द्वारा भी की जा सकती है । बी.पी.एल. की सूची के तहत परिवार के व्यक्ति किसी भी फीस या नकल संबंधी चार्ज चुकाया हो तो नही । सूचना के आवेदन में किस कारण सूचना मांगी है इसके कारण देना जरुरी नहीं है । आवेदन मिलने की रसीद APIO, आवेदन क्रमांक (ID नंबर) देकर आवेदक को एक नकल देगा । इसके बाद आवेदन के संदर्भ में पत्रव्यवहार में ID क्रमांक दर्शाना होता है ।
फ़ैमिली गेम
सूचना प्राप्त करने के आवेदन स्वीकारने के 30 (तीस) दिनों में आवेदन का समाधान APIO करेगा । यदि कोई नमूना या नकल माँगी हो तो उसकी धारा में निर्धारित स्तर के अनुसार आवेदक के पास फीस या चार्ज वसूल करके सूचना के उत्तर नकल देगा । यदि सूचना राष्ट्र के सार्वभौमत्व, राष्ट्रीय हित या सुरक्षा को स्पर्शती गोपनीय बात, अदालती तिरस्कार हो सके ऐसी, वैज्ञानिक रहस्यों या अपराधों को उत्तेजना मिले इसके लिए इनकार कर सकता है ।
प्रश्न 4.
बालकों को मुफ्त और अनिवार्य सुरक्षा योजना के मुख्य प्रावधान समझाइए ।
उत्तर:
भारत सरकार ने 18 फरवरी, 2012 के दिन मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम 2012 घोषित किया, जिसमें मुख्य व्यवस्थाएँ:
- इस कानून में बालकों के शिक्षण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर विद्यालयी सुविधाओं और भौतिक सुविधाओं के निश्चित मापदण्ड निर्धारित किये है और उसके अनुसार कक्षा कक्ष, प्रयोगकक्ष, स्वच्छ पीने का पानी, बीजली, मध्याहन भोजन की व्यवस्था और गुणवत्ता, शिक्षकों की योग्यता और नियुक्ति के स्तर, विद्यालय को आर्थिक सहायता के रूप में दिया जानेवाला अनुदान की व्यवस्थाएँ निर्धारित की है ।
- इस कानून में 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बालक को उसके आवास के नजदीक हो ऐसे विद्यालय में प्रवेश देना । उमर के आधार जन्म के प्रमाणपत्र न होने के कारण किसी को भी प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकते ।
- प्राथमिक शिक्षा पूरी करे तब तक 14 वर्ष पूरे हुए हो तो भी शिक्षण चालू रखकर उसे मुफ्त शिक्षा प्रदान करना ।
- प्रवेश देते समय बालक 6 वर्ष का होना चाहिए और उसके जन्म का प्रमाण न हो तो भी होस्पिटल के रिकोर्ड, माँ-बाप के उमर संबंधी शपतपत्र के आधार पर प्रवेश देना होता है ।
- विद्यालय में किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना प्रवेश देने का आदेश है ।
- प्रवेश के समय दान या केपिटेशन फीस के रूप में या अन्य किसी भी प्रकार की फीस की रकम नहीं ले सकते है ।
- प्रवेश के समय बालक के माता-पिता का इन्टरव्यू लेकर प्रवेश देना या माता-पिता की आय और शैक्षणिक योग्यता या अयोग्यता के आधार पर प्रवेश परीक्षा लेकर प्रवेश नहीं दे सकते है ।
- 3 से 5 वर्ष के बालकों की शिक्षा के लिए प्रि-स्कूल (बालमंदिर) की शिक्षा, पाठ्यक्रम, अभ्यासक्रम, मूल्यांकन और उनकी शिक्षा के लिए खास प्रशिक्षण के संबंध में नियम प्रथमबार बनाकर क्रांतिकारी कदम उठाकर नर्सरी को कानून के अधीन लाया गया
- SC और ST के प्रवेशइच्छुक बालकों को उनकी कानून में दर्शाई पहचान के आधार पर बी.पी.एल. की सूची के परिवारों के बालकों को निजी प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 में वर्ग की कुल क्षमता के 25% तक अनिवार्य प्रवेश का आदेश दिया गया है ।
- विद्यालय के शिक्षक निजी ट्यूशन की प्रवृत्ति नहीं कर सकते ।
- विद्यालय के कम योग्यतावाले शिक्षकों को 5 वर्ष के निर्धारित समय में शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करनी है ।
- बालक को स्थानांतरण के सिवाय शिक्षा पूरी न करे उससे पहले विद्यालय से निकाल नहीं सकते ।
- निजी प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश प्राप्त SC, ST के बालकों की फीस निर्धारित शर्तों के तहत उस विद्यालय को सरकार चुकाएगी ।
- इस कानून की व्यवस्था के पालन का जिम्मा व्यवस्थातंत्र, ट्रिब्यूनल या राज्य काउन्सिल जैसी व्यवस्था की गयी है । इस अधिनियम के भंग के लिए विद्यालय के संचालकों को दण्ड तथा विद्यालय की मान्यता रद्द करने की कानूनी व्यवस्था है ।
प्रश्न 5.
राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा धारा के तहत अनाज संबंधी विविध वर्गों को अनाज वितरण संबंधी, सार्वजनिक वितरण संबंधी तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली संबंधित व्यवस्थाएँ समझाइए ।
उत्तर:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में केन्द्र सरकार ने 5 जुलाई, 2013 को राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा कानून जोड़ा है, जिसमें निम्नांकित संवैधानिक व्यवस्थाएँ की गयी है :
- इस धारा के तहत ‘मा अन्नपूर्णा योजना’ के अनुसार शहर और ग्राम्य क्षेत्रों में आवश्यकतामंद, मध्यम वर्ग के गरीब परिवारों को उचित भाव से अनाज उपलब्ध करवाया जाता है, जिसके तहत राज्य के अंत्योदय परिवारों को प्रतिमास 35 किग्रा अनाज
मुफ्त दिया जाता है । - इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों को अनाज में रु. 2 प्रति किग्रा के भाव से गेहूँ, रु. 3 के भाव से चावल और रु. 1 के भाव से मोटा अनाज समय पर, निश्चित मात्रा में, गुणवत्तायुक्त अनाज PDS द्वारा नियमित दर पर वितरित किया जाता है ।
- गर्भवती स्त्रिओं को प्रसूति सहायता के रूप में रु. 6000 की रकम केन्द्र सरकार द्वारा चुकाई जाती है ।
- इस विधेयक के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को भोजन और अनाज के बदले में ‘अन्न सुरक्षा भत्था’ प्राप्त करने में हकदार बनते है ।
- इस धारा के अनुसार ‘गुजरात सरकार’ अंत्योदय और बी.पी.एल. परिवारों को प्रति माह चीनी, आयोडाइज नमक, केरोसीन और वर्ष में दो समय का खाद्यतेल का राहतदर पर वितरण रेशनिंग की दुकानों के माध्यम से दिया जाता है ।
- राज्य सरकार इन अग्रिम परिवारों की सूचि आधुनिक बनाएगा और सुधारेगा तथा ऐसे नामों की सूचियाँ ग्रामपंचायत, ग्रामसभाओं, बोर्ड सभा में, ई-ग्राम और उचित मूल्य की दुकानों या तहसीलदार, आपूर्ति विभाग की वेबसाईट पर प्रदर्शित की जाती है ।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करके उसे सुदृढ़ बनाकर भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था के लिए ‘बायोमेट्रिक पहचान, एपीक कार्ड, बारकोटेड राशनकार्ड और अन्नकूपन तथा वेबकेमरे से इमेल’ लेने की व्यवस्था की है ।
- इस विधेयक के तहत ‘आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र’ तैयार करना और शिकायतों के निवारण के अर्थ में ‘नोडेल अधिकारी’ नियुक्त कर अनाज वितरण व्यवस्था का नियमन और नियंत्रण और शिकायत के अर्थ में ‘राज्य अन्न आयोग’ की रचना और फूड कमिशन की नियुक्ति की जायेगी ।
इस प्रकार ‘राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा की धारा’ की अनेक व्यवस्थाओं के अंतर्गत ‘मा अन्नपूर्णा योजना’ के तहत गुजरात के लगभग 3.62 करोड़ जरुरतमंद नागरिकों को राहत दर पर अनाज देने की कल्याणकारी योजना राज्य सरकार ने अमल में रखकर सकारात्मक कदम उठाया है ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:
प्रश्न 1.
सामाजिक परिवर्तन होने मुख्य कारणों को समझाइए ।
उत्तर:
पश्चिमीकरण, वैश्विकरण और शहरीकरण के कारण सामाजिक संबंधों में, परिवार व्यवस्था में, विवाह व्यवस्था में, संस्कृति में, लोगों की जीवनशैली में साहित्य, कला-संगीत और नृत्य क्षेत्र में आमूलयूत सांस्कृतिक परिवर्तन आये है । जिससे लोग एक-दूसरे
की संस्कृति से परिचित हुए है ।
फ़ैमिली गेम
- भौतिक चीजों, भोगविलास के साधन, आधुनिक उपकरणों का उपयोग तथा दैनिक जीवन में उपयोग आनेवाले विविध साधन सुविधाएँ ग्रामीण समाज तक पहुँचे है ।
- लोगों के घरों, उनके निर्माण में तथा निर्माण कार्य की आधुनिकतम जीवनशैली में परिवर्तन आये है ।
- समाज में भौतिक परिवर्तन से लोगों का जीवनस्तर सुधरा है, जीवनशैली में पाश्चात्य संस्कृति की छटा दिखाई देती है ।
प्रश्न 2.
कानून की सामान्य जानकारी क्यों जरुरी बनी है ?
उत्तर:
कानून की सामान्य जानकारी, ज्ञान और समझ होना अत्यंत जरुरी है ।
- कानून के सामान्य ज्ञान और कानून के दण्ड के माध्यम से प्रजा कानून का भंग करने और अपराध करने से रूकती है और दण्ड से बच सकती है । शोषण और अन्य के सामने लड़ने हेतु कैसे कानूनी कदम उठा सकते है, इसका मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है। संवैधानिक अधिकारों और व्यक्तिगत हितों के रक्षणार्थ अधिकार अच्छी तरह भोग सकते है ।
- व्यक्ति की सुरक्षा और उत्कर्ष के अर्थ में बनी विविध कानूनी व्यवस्थाओं से यह परिचित हो सकता है ।
- समाज, राज्य और राष्ट्र के प्रति वफादारी बढ़ती है ।
- समाज के जिम्मेदार नागरिक के रूप में अधिकारों से वंचित न रहे तथा सामान्य नागरिक के रूप में कर्तव्यों का पालन कर सकता है । कानून के ज्ञान और समज से प्रत्येक व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा और गौरवपूर्ण जीवन जी सके इसके लिए कानून का सामान्य ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है ।
प्रश्न 3.
‘बालविकास आर्थिक विकास की पूर्वशर्त है ।’ समझाइए ।
उत्तर:
बालकों को भी शोषण के सामने रक्षा का अधिकार दिया गया है । आज हमारे आसपास में बच्चों का शोषण होते हुए हमने देखा है । आज हमारा देश ऐसी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है । बालकों की उपेक्षा के कारण बालमजदूरी जैसी गंभीर समस्याएँ खड़ी हो गई है । बालकों की उपेक्षा न होवे तथा बच्चे बालमजदूरी जैसे शोषण का भोग नहीं बने, इसलिए बच्चों की रक्षा (लोगजागृति के आंदोलन द्वारा) का ध्यान रखना चाहिए । सार्वत्रिक, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा द्वारा हम इस समस्या को हल कर सकते है ।
बालकों की मानसिक और शारीरिक पीडा पहुँचाना बाल अत्याचार है ।। अपने समाज के असुरक्षित वर्ग में हमारे बच्चे है । किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार बच्चों के सर्वांगी विकास पर निर्भर है । इसलिए बच्चों के प्रति विशेष ध्यान देना जरुरी है । बालकों का विकास और उनका कल्याण किसी भी समाज के सर्वांगी विकास की पूर्वशरत है, इसलिए तो हम बच्चों को राष्ट्र की सम्पत्ति कहते हैं । बच्चों का अच्छी तरह लालन-पालन करना, शारीरिक मानसिक और बौद्धिक शक्तियों का विकास करके बच्चों को स्वस्थ जिम्मेदार नागरिक बनाने का हमारा प्रथम फर्ज है ।
प्रश्न 4.
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के कानूनी प्रयास बताइए।
उत्तर:
भ्रष्टाचार का अर्थव्यवस्था और समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ते है जो निम्नानुसार है:
- समाज में भ्रष्टाचारी आचरण से नैतिक मूल्यों और सामाजिक नीति-नियमों का स्तर नीचे गिरता है ।
- अर्थव्यवस्था में काले धन की समस्या उद्भव होती है, जो राष्ट्र के विकास में अवरोधक है । राज्य के कानूनों, न्याय प्रणाली, सत्ता और प्रशासन तंत्र पर से लोगों का विश्वास घटता है । ईमानदार व्यक्ति हताशा और निराशा में जीता है ।
मानव अधिकारों का हनन होता है । जिससे समाज में अन्याय और आय की असमानता उद्भव होती है जिसके कारण वर्गसंघर्ष उत्पन्न होता है । - भ्रष्टाचार से लोगों में नैतिकता और राष्ट्रीय चरित्र जोखिम में है और सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था का स्तर गिरता है ।
(1) भारत में 1964 में ‘केन्द्रीय लांच रिश्वत विरोधी ब्यूरो’ की स्थापना की है जो सरकारीतंत्र में विद्यमान भ्रष्टाचार की बदी को नेस्तनाबूद करने का प्रयास करता है । भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथ पकड़कर उनके विरुद्ध कानूनी, दण्डात्मक कार्यवाही करता है । सार्वजनिक जनता
(2) भ्रष्टाचार संबंधी कोई शिकायत हो तो हेल्पलाईन टोल फ्री नंबर 1800 2334 4444 पर शिकायत कर सकते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने ‘भ्रष्टाचार विरोधी नियम, 1988’ में बनाया, जिससे सार्वजनिक जीवन को शुद्ध करके सत्ता का दुरुपयोग अटकाया गया है ।
(3) सूचना का अधिकार 2005 और नागरिक अधिकारपत्र घोषित किया जिसके पीछे सरकारी कर्मचारी द्वारा प्रशासनिक कार्य निश्चित समय में पूरा करने का विश्वास दिलाकर अपने कार्यक्षेत्र और सत्ता के अधीन के कार्य में होनेवाला विलम्ब दूर करके पारदर्शक और जवाबदार प्रशासन तैयार करना है ।
(4) केन्द्र सरकार ने 2005 में ब्लेकमनी एक्ट बनाया, जिसमें भ्रष्टाचार को अपराधिक स्वरूप में घोषित किया गया । इसके उपरांत FEMA कानून में तथा मनी लेन्डरींग एक्ट में तथा कस्टम एक्ट की धारा-132 में सुधार किया । लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति करके कालाधन खोजने और भ्रष्टाचार को नष्ट करने के प्रयत्न किये । सरकारी अधिकारी द्वारा उच्च सत्ता का अनुचित उपयोग और भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर विभागीय जाँच का कार्य ‘गुजरात तकेदारी सेवा आयोग’ गाँधीनगर कर रहा है ।
प्रश्न 5.
अन्न सुरक्षा विधेयक के उद्देश्य लिखिए ।
उत्तर:
केन्द्र सरकार द्वारा 5 जुलाई, 2013 के दिन अन्न सुरक्षा विधेयक को लागू किया जिसके उद्देश्य इस प्रकार है :
→ देश में बढ़ती जनसंख्या की अनाज की कुल माँग को संतुष्ट करने तथा प्रत्येक समय पर्याप्त मात्रा में सस्ती दर पर गुणवत्तायुक्त अनाज उपलब्ध करवाना । बालकों में और प्रजा में कुपोषण की समस्या निवारण के लिए उचित प्रबंध करना और पोष्टिक आहार के कुल उत्पादन में वृद्धि हेतु प्रोत्साहन देना । सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और सरल बनाना । अंत्योदय योजना और बी.पी.एल. की सूचि में दर्ज अग्रिम परिवारों को अन्न सुरक्षा, पोषणक्षम आहार के रूप में आवश्यक मात्रा । में राहतदर पर अनाज उपलब्ध करवाने के लिए और उससे आनुषंगिक बातों में सरलता से मिलता रहे ।
→ गर्भवती स्त्रियों, स्तनपान कराती माताओं को पोष्टिक मात्रा में अनाज की आवश्यक सहायता करने के लिए ।
फ़ैमिली गेम
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:
प्रश्न 1.
बालश्रमिकों की माँग किस कारण अधिक होती है ?
उत्तर:
बालश्रमिक श्रम का सस्ता उत्पादक साधन है । व्यस्क व्यक्ति की तुलना में बालश्रमिक को कम मजदूरी या वेतन चुकाकर काम ले सकते है ।
- वे असंगठित होते है, संगठन के अभाव से मालिकों के विरुद्ध वे आवाज नहीं उठा सकते, विरोध प्रदर्शित नहीं कर सकते जिससे बालश्रमिकों का सरलता से उन्हें खबर न पड़े इस तरह विविधरूपों से वे शोषण कर सकते है । कठिन या जोखमी परिस्थितियों में भी कम वेतन और निर्धारित कार्य समय से अधिक काम कराकर, धमकाकर और लालच देकर काम करवा सकते है ।
- बाल श्रमिकों की संख्या अधिक है जिससे अधिक मात्रा में और आसानी से वे प्राप्त हो जाते है । ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं के अभाव से, बालक पढ़ने की उम्र में परिवार के सदस्यों की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए, कमाने के अधिक हाथ-पैर के रूप में माता-पिता बालकों को देखते है और बाल मजदूरी की ओर धकेलते है ।
प्रश्न 2.
नागरिकों के मूलभूत अधिकार बताइए ।
उत्तर:
भारत में संविधान के तीसरे हिस्से में भारत के तमाम नागरिकों को कोई भी प्रकार के भेद के बिना 6 मूलभूत अधिकारों दिये गये है, जो निम्नलिखित है :
- समानता अधिकार
- स्वतंत्रता अधिकार
- शोषण विरोधी अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
‘माँ अन्नपूर्णा योजना’ की महत्त्वपूर्ण व्यवस्था बताइए ।
उत्तर:
‘माँ अन्नपूर्णा योजना’ के अनुसार शहर या ग्राम्य क्षेत्रों में जरूरतमंद मध्यमवर्ग के गरीब परिवारों को उचित मूल्य पर अनाज उपलब्ध करवाना है । इसके अनुसार राज्य के अंत्योदय परिवारों के प्रतिमाह 35 किग्रा अनाज मुफ्त में दिया जाता है । इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों को अनाज में रु. 2 के प्रति किलो भाव से गेहूँ और रु. 3 प्रति किलो के भाव से और मोटा अनाज रु. 1 प्रति किलो के भाव से समय पर, निश्चित मात्रा में गुणवत्तायुक्त अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) .. के तहत नियमित शर्तों पर वितरण किया जाता है ।
फ़ैमिली गेम
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:
प्रश्न 1.
भारतीय समाज में परिवर्तन लाने का मुख्य कारण क्या है ?
(A) रूढ़ियाँ – परंपराएँ
(B) लोकमत
(C) पश्चिमीकरण
(D) साक्षरता
उत्तर:
(D) साक्षरता
प्रश्न 2.
मानव अधिकारों का घोषणापत्र किसने घोषित किया ?
(A) ग्रेट ब्रिटेन
(B) संयुक्त राष्ट्र
(C) युनिसेफ
(D) विश्व बैंक
उत्तर:
(B) संयुक्त राष्ट्र
प्रश्न 3.
विश्व युद्ध दिवस कब मनाया जाता है ?
(A) 8 मार्च
(B) 1st अक्टूबर
(C) 1 अप्रैल
(D) 15 जून
उत्तर:
(B) 1st अक्टूबर
प्रश्न 4.
इनमें से किस सूचना को देने से मना कर सकते है ?
(A) निर्वाचन आयोग
(B) सरकारी योजनाएँ
(C) न्यायिक निर्णय
(D) राष्ट्रीय अखण्डता और सार्वभौमिकता की बात
उत्तर:
(D) राष्ट्रीय अखण्डता और सार्वभौमिकता की बात
प्रश्न 5.
मात्र शिक्षा प्राप्त करने के कानून में किस बात पर मनाई की जाती है ?
(A) जन्म के प्रमाणपत्र के बिना प्रवेश
(B) विशेष प्रशिक्षण की सुविधा
(C) प्रवेश परीक्षा के बिना प्रवेश
(D) प्रवेश के समय केपिटेशन फीस
उत्तर:
(D) प्रवेश के समय केपिटेशन फीस
प्रश्न 6.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक सुदृढ़ बनाने में किस नयी बातों को लागु किया है ?
(A) बारकोडेड राशनकार्ड
(B) एटीएम कार्ड
(C) बायोमेट्रिक पहचान
(D) चुनाव का पहचान पत्र
उत्तर:
(A) बारकोडेड राशनकार्ड
