Class 10 Social Science Chapter 9 वन एवं वन्य जीव संसाधन

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए:

प्रश्न 1.
वन्य जीव विनाश के कारण सविस्तार से समझाइए ।
उत्तर:
वन क्षेत्रों में घास भूमि और जलप्लावित क्षेत्रों में होनेवाली मानवीय दखलअंदाजी से वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास जोखिम में है।

  • जंगलों के विनाश, प्राकृतिक असंतुलन के लिए सबसे अधिक कारणभूत है, जिसका अंतिम प्रभाव वन्यजीवों की संख्या कम करते है।
  • बाल, खाल, हड्डियाँ, सींग, नाखून प्राप्त करने की प्रवृत्ति भी जवाबदार है ।
  • मानव लोभ-लालच से होनेवाला वनों का अतिदोहन, सड़के, अनुचित योजनाओं का निर्माण, खनिज खनन, नयी बस्तियाँ और शहरों का फैलाव वन्य जीवों को निर्वाश्रित करता है ।
  • घास, चारे, ईंधन और पशुपालन के लिए जंगलों पर दबाव बढ़ाता है ।
  • जंगलों की आग अनेक प्रजातियों को निगल जाती है । यह आग वन्य प्राणियों संख्या पर अधिक नकारात्मक प्रभाव डालती है ।
  • अपने प्राकृतिक निवास नष्ट होने से, बेघर बनी वन्य क्षेत्रों में से बहार आ गये प्राणियों, मनुष्य के साथ संघर्ष में टकराने से . जीवन गवाते है ।
  • औषधियों और सुगंधी द्रव्यों को प्राप्त करने हेतु शिकार या प्रजातियों को विलुप्त की ओर ला दिया है ।

प्रश्न 2.
वन्य जीव संरक्षण के उपाय बताइए ।
उत्तर:
वनों के लिए हमारा दृष्टिकोण और मानसिकता बदलनी जरूरी है । हम उन्हें आय के लिए समाप्त नहीं होनेवाले स्रोत मानते है यह गलतफहमी है । इनका संरक्षण होना चाहिए तभी वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक आश्रय स्थल बचेंगे ।

  • वनों में तृणहारी और मांसाहारी प्राणियों की संख्या का संतुलन बने और वन्य संसाधनों की देखभाल तथा पालतु प्राणियों के चरागाह पर प्रतिबन्ध जैसे कदम उठाने चाहिए ।
  • शिकार को रोकने के लिए कड़क कानून और उसका सख्ती से पालन करवाना चाहिए ।
  • वनों में होनेवाला गैरकानूनी खननकार्य के प्रतिबंध भंग के लिए सख्त सजा और दण्ड की व्यवस्था करनी चाहिए ।
  • वन्य जीवों के प्रजनन काल में से उसे बाधा न हो ऐसी व्यवस्था करना जरूरी है
  • वन्य क्षेत्रों में होनेवाला मछली पकड़ना, वन्य उपजों का एकत्रीकरण, प्रवासन से वन्य जीवों को होनेवाले प्रभाव का अध्ययन करके इसके अनुसार कदम उठाना ।
  • समाज में व्यापक स्तर पर जनजागृति लाने के कार्यक्रम चलाना ।
  • जिम्मेदार नागरिक समूह, वन्य जीवों के संरक्षण के लिए तंत्र शिथिल हो, तो उन पर दबाव उत्पन्न करके, इस कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए ।
  • वन्य विद्या को पाठ्यक्रमों में शामिलन करना चाहिए ।

प्रश्न 3.
वन्य जीवों के संरक्षण की विविध योजनाओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
वन्य जीवों के संरक्षण की मुख्य योजनाएँ निम्नानुसार है:

(1) बाघ परियोजना:

  • अनियंत्रित गैरकानूनी होनेवाले शिकार और निर्वनीकरण के परिणामस्वरूप बाघ के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हुआ था । ऐसे संजोगों में 1971 में बाघ बचाने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गयी है ।
  • इस योजना के अनुसार बाघ के प्राकृतिक आश्रय स्थल सुरक्षित रखने और उनका पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर से श्रेणीबद्ध कदम उठाए गये है । वर्तमान में देश में 44 क्षेत्रों में यह योजना कार्यरत है ।

(2) हाथी परियोजना :

  • सन् 1992 में प्रोजेक्ट आरंभ किया गया था ।
  • इसका उद्देश्य हाथियों को उनके प्राकृतिक आवासों में संरक्षण देना और उनके प्राकृतिक निवासस्थानों, उनके स्थलांतरण मार्गों का संरक्षण करना था ।
  • वर्तमान में हाथियों के 26 संरक्षित क्षेत्र है ।
  • इस योजना के बाद जंगलों में हाथियों की संख्या में वृद्धि हुई है ।

3. गेंडा परियोजना:

  • यह परियोजना एक सिंगी भारतीय गेंडे के संरक्षण के लिए बनाई गयी है ।
  • भारत के अधिकांश गेंडे असम में है । इसके अलावा पं. बंगाल के सुन्दरवन में पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है ।
  • भारत रेहिनो विजन 2020 की व्यूहरचना के अनुसार भारत में गेंडो की संख्या 3000 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है ।

4. घड़ियाल परियोजना:

  • मीठे पानी में मिलनेवाले इन मगरमच्छों की प्रजाति 1970 में लुप्त होने के कगार पर थी, तब भारत सरकार ने समय पर यह योजना लागू की थी।

5. गिद्ध परियोजना:

  • गिद्ध प्राकृतिक सफाई कामदार है, वे मृत प्राणियों का माँस खाते है । भारत में गिद्ध की कुल 9 जातियाँ पायी जाती है ।
  • गिद्धों की संख्या असाधारण कमी को देखकर सन् 2004 में यह योजना अमल में रखी ।

6. हिमचीता योजना:

  • हिमालय में लगभग 3000 मीटर ऊँचाई पर पायी जानेवाली यह प्रजाती बर्फ में जीती है ।
  • स्थानीय लोगों में हिमचीता के प्रति जागृति बढ़े और उनका संरक्षण हों इस उद्देश्य से सन् 2000 में यह परियोजना शुरू हुई। .

7. अन्य योजनाएँ:
(i) कश्मीरी हंगुल परियोजना
(ii) लाल पांडा परियोजना
(iii) मणिपुर थामिल योजना
(iv) गंगा डोल्फिन योजना

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:

प्रश्न 1.
जैव आरक्षित क्षेत्र अर्थात् क्या ?
उत्तर:
ऐसे सुरक्षित वन जहाँ वन, वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य तीनों की एकसाथ सुरक्षा की जाती हो उसे जैव आरक्षित क्षेत्र कहते हैं ।

  • इसकी रचना अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार की जाती है ।
  • इसका उद्देश्य उस क्षेत्र के प्राकृतिक और साँस्कृतिक विविधता का संरक्षण करना है ।
  • इस क्षेत्र में होनेवाली सभी वनस्पति, जीवजन्तु और जमीन के उपरांत वहाँ बसनेवाले सभी मानव समुदायों की जीवन शैली का भी संरक्षण होता है ।
  • यहाँ जैव वैविध्य के विषय में संशोधन और प्रशिक्षण के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए ।
  • इस प्रकार के घोषित सभी क्षेत्रों में सभी प्रकार की बाहर की मानवीय गतिविधियों पर संपूर्ण प्रतिबंध होता है ।
  • इस क्षेत्र का औसतन विस्तार लगभग 5000 वर्ग कि.मी. होता है ।
  • नीलगिरि, मन्नार की खाड़ी, ग्रेट निकोबार, सुंदरवन, पंचमढ़ी आदि के मुख्य क्षेत्र आरक्षित क्षेत्र है ।
  • गुजरात के कच्छ के रेगिस्तान की विशिष्ट परिस्थिति के संरक्षण हेतु 2008 में जैव आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया ।

प्रश्न 2.

प्रश्न 3.
निर्वनीकरण के प्रभाव:
उत्तर:
निर्वनीकरण के प्रभाव व्यापक स्वरूप में अनुभव होते है । वातावरण में कार्बन डायोक्साईड की मात्रा बढ़ती है । ग्रीन हाऊस इफेक्ट का प्रभाव बढ़ा है । वृक्षों के छेदन से मिट्टी का धोवान होने से कृषि के उपजाऊपन की समस्या बढ़ी है । द्वीपकल्पीय भारत के वनों में बड़े स्तर पर हुए निर्वनीकरण के कारण वन क्षेत्र घटा है । अनेक सजीवों ने अपने प्राकृतिक स्थल खोये है, जिसके परिणामस्वरूप वन्य जीवों को भोजन और पानी की खोज में मानव आवासों में आना पड़ता है । माँसाहारी जीवों द्वारा वनों के नजदिकी क्षेत्रों में बसनेवाले पालतु प्राणियों का शिकार किया जाता है ।

प्रश्न 4.
लुप्त होनेवाले वन्य जीवों पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
भारत और विश्व के असंख्य देशों में वन्य जीवों का विनाश बढ़ने लगा है ।

  • पिछली सदी के आरंभ में बाघ समग्र भारत में पाया जाता था । उसी समयादरम्यान गुजरात के ईडर, अंबाजी, दांता के जंगलों में बाघ पाया जाता था । आज गुजरात के जंगलों में बाघ संपूर्णरूप से नष्ट हो चुका है ।
  • पहले भारतीय वनों में सहज रूप से दिखाई देनेवाले पक्षी अब मुश्किल से दिखाई देते है । इनमें गिद्ध, गुलाबी गर्दनवाली बतख, सारस और घुवड़ आदि भविष्य में लुप्त होने की कगार पर है ।
  • पूर्वोत्तर अरुणाचल प्रदेश में एक समय में व्यापक मात्रा में दिखाई देनेवाला चिलोत्रा आज आसानी से दिखाई नहीं देता ।
  • नदियों के मीठे पानी पाया जानेवाला घड़ियाल और गंगेय डॉल्फिन के अस्तित्व पर आज खतरा मंडरा रहा है ।
  • उड़ीसा, गुजरात में समुद्री किनारे पर अण्डे रखने आनेवाले समुद्री कछवों की संख्या में सतत कमी दर्ज हुई है ।
  • एक समय गुजरात की नर्मदा, तापी, मही और साबरमती में पायी जानेवाली जलप्लाव लगभग समाप्त हो गयी है ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
अभयारण्य अर्थात क्या ?
उत्तर:
ऐसे सुरक्षित वन जहाँ मनुष्य को घूमने-फिरने, कृषि करने और पशु चराने की छूट हो लेकिन लकड़ी काटने और शिकार करने पर प्रतिबन्ध हो उन्हें अभयारण्य कहते हैं ।

  • इसमें निश्चित सीमा में मानवीय प्रवृत्तियाँ करने की अनुमति दी जाती है ।
  • अधिकारियों से अनुमति के बाद ही पालतु पशु चराने की छूट दी जाती है ।
  • वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना किसी एक विशिष्ट प्राणी की जाति के संरक्षण के लिए की जाती है ।
  • पेरियार, चंद्रप्रभा, एतुरनागर आदि प्रसिद्ध अभयारण्य है ।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय उद्यान अर्थात् क्या ?
उत्तर:
ऐसे सुरक्षित वन जहाँ मानव की सभी प्रवृत्तियाँ वर्जित होती है, केवल कुछ नियमों के अन्तर्गत घूमने-फिरने की छूट होती है ।

  • ये अभयारण्य की अपेक्षा अधिक संरक्षित होते है ।
  • इसमें एक से अधिक परिस्थिति तंत्र का समावेश होता है ।
  • पालतु प्राणियों के चराने पर संपूर्ण प्रतिबन्ध होता है ।
  • इसकी स्थापना केन्द्र और राज्य सरकार के संकलन से होती है ।
  • काजीरंगा, कार्बेट, वेलावदर, दरियाई (समुद्री) राष्ट्रीय उद्यान, गीर, दचिगांव आदि मुख्य राष्ट्रीय उद्यान है ।

प्रश्न 3.
नल सरोवर किस राज्य में आया हुआ है ?
उत्तर:
नल सरोवर गुजरात राज्य में आया हुआ है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.

प्रश्न 2.
स्थानिय स्वराज्य की संस्थाओं (ग्राम पंचायत, नगरपालिका, महानगरपालिका, जिला पंचायत) का नियंत्रण हो वे वन ………………….
(A) ग्राम्यवन
(B) अभयारण्य वन
(C) सामुदायिक वन
(D) झूम वन
उत्तर:
(C) सामुदायिक वन

प्रश्न 3.
विश्व में पशु-पक्षियों की लगभग कितनी प्रजातियाँ है ?
(A) बारह लाख
(B) इक्कीस लाख
(C) सात लाख
(D) पंद्रह लाख
उत्तर:
(D) पंद्रह लाख

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